क्या हमें हर काम शुभ मुहूर्त देख कर करना चाहिए ?

इन्सान अपनी पूरी जिंदगी में हर काम शुभ मुहूर्त देखकर करता है शादी, ब्याह, मुंडन वगैरह। सिर्फ इंसान पैदा बिना शुभ मुहूर्त के होता है और इस दुनिया को अलविदा भी…

हमारे देश की सरकार को कोई भी कानून कैसे लागू करना चाहिए?

हमारे देश के नेताओं को चाहे वो निगम पार्षद हो, विधायक हो, मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री हो,सरकार की कोई भी विकास की योजना या कानून लागू करने से पहले जनता…

हमारे देश की जनता को शार्ट टर्म में होने वाले फायदे जैसे फ्री बिजली,पानी क्यों पसंद हैं?

हमारे देश की जनता को लॉन्ग टर्म में होने वाले फायदे जैसे विकास के काम फ्लाईओवर, अंडरपास, अच्छी सड़कें, स्कूल नही दिखते बल्कि शार्ट टर्म मे होने वाले फायदे ज्यादा अच्छे लगते हैं जैसे ये तूने श्रम कार्ड का फॉर्म भरा था तेरे 5000 रुपए आये क्या,या तेरे जन धन अकार मे 500 रुपए आये या फिर फ्री बिजली, फ्री पानी, फ्री बस,आदि।

अब क्योंकि विकास के कार्यों मे समय बहुत लगता है,साल,दो साल या फिर पाँच साल और उसका फायदा भी देर से मिलता है और जनता के मूड का नेताओं को भरोसा होता नही कहीं पाँच साल बाद सरकार बदल दी तो इसलिए नेता और जनता दोनों को शार्ट टर्म मे होने वाले फायदे पसंद हैं, नेताओं की कुर्सी बच जाती है और जनता भी मालामाल हो जाती है। मतलब जैसी प्रजा वैसा।

हमारे देश में एक आम आदमी के लिए चुनाव जीतना संभव क्यों नहीं है?

हमारे देश मे होने वाले एक आम चुनाव मे अगर एक तरफ से कोई ईमानदार, मेहनती आम आदमी पहली बार अपना सब कुछ दाँव पर लगाकर चुनाव लड़ता है और…

राजनीति में साम,दाम,दंड,भेद क्या हैं?

अक्सर हमने सुना होगा कि राजनीति साम,दाम,भेद से चलती है लेकिन ये शब्द हैं क्या और आखिर इन शब्दों का क्या मतलब है? देखिये अगर आपका कोई विरोधी है तो…

क्या वास्तव में विकास के कार्य नेताओं के फण्ड द्वारा ही किये जाते हैं?

  हमारे देश मे कोई भी नेता चाहे वो सांसद हो विधायक या निगम पार्षद हो अपने क्षेत्र मे अगर कहीं एक ईंट भी लगा दे वो वहाँ बड़े-बड़े पोस्टर…

क्या सब कुछ पैसा ही है या फिर सही काम को चुनने की जरुरत है?

आज कल एक ट्रेंड सा चल पड़ा है कि सबको करोड़ पति बनना है और वो भी जल्दी से जल्दी। चाहे इसके लिए किसी को दुख देना पड़े,धोखा देना पड़े,या…

एक आम आदमी का सभी हमारे देश की सभी पार्टियों से भरोसा क्यों उठ चुका है?

हमारे देश मे जब भी कोई नई पार्टी बनती है तो वो शुरुआत तो पब्लिक से चंदा लेकर करती है लेकिन थोड़ा सा ऊपर उठने के बाद वो पब्लिक को…

कोई भी पार्टी चुनाव से पहले सब कुछ फ्री में क्यों लुटाती है?

जब किसी पार्टी का कोई भी नेता चाहे वो किसी स्टेट का मुख्यमंत्री हो या फिर प्रधानमंत्री, जनता को चुनाव से पहले कोई भी प्रलोभन या कुछ भी फ्री देता…