हमारे देश भारत मे वर्ष 2021 तक चुनाव आयोग मे कुल 2858 पार्टियाँ रजिस्टर्ड हैं लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि आज भी किसी से पूछो वो यही कहेगा कि राजनीति बहुत गन्दी है अगर वाकई मे राजनीति इतनी ही गन्दी है तो इतनी सारी पार्टियाँ यहाँ क्या कर रही हैं? मतलब इतनी गन्दी जगह पर इतनी सारी पार्टियों का क्या काम ?
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