लड़की की शादी जरुरी है या फिर ज्ञान ?

भारत मे जैसी ही लड़की 18 की हुई कि नहीं माँ-बाप से ज्यादा पड़ोसयों को इस बात की चिंता होने लगती है कि हमारे बगल वाले की लड़की जवान हो गई अभी तक उसके घर वाले उसकी शादी क्यों नही कर रहे?

जब कि अब तक उसके स्वयं के माँ-बाप ने अपनी लड़की की शादी के बारे मे सोचा तक नहीं और एक बार अगर शादी हो जाए तो फिर उसके बाद कहना ही क्या सास को बड़ी जल्दी होती है अपने नाती-नातिन को गोद मे खिलाने की वो भी एक या दो नहीं मेरे मरने से पहले कम से कम चार-पांच बच्चे तो मेरी गोद मे खेल ही रहे हों नहीं तो वो अपने दामाद को मर्द ही मानने को तैयार नहीं होती और ऐसे ही थोड़े न हम 150 करोड़ हो गए।

 

लड़का कहीं से लड़की भगा कर ले आये तो उसके घर मे उसका स्वागत सत्कार होता है लेकिन अगर लड़की ने अगर कहीं घर से भाग कर शादी तो घर की इज्जत चली जाएगी।
लड़की के जीवन मे पढ़ाई लिखाई भी जरुरी नहीं है बस शादी करो,और बच्चे पैदा करो

किसी भी लड़की के माँ बाप ये क्यों नही कहते जा बेटी जी ले ज़िंदगी कर कोई ऐसा काम जिससे हो हमारा ऊँचा नाम।
अमरीका और लन्दन हमसे क्यों आगे हैं वो इसीलिए आगे हैं कि क्योंकि वहाँ महिलायें स्वतंत्र हैं और वे खुद ही अपना निर्णय ले सकती है। वहाँ लड़कियों की शादी ये ज्यादा ज्ञान को महत्व दिया जाता है।

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