सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप।

आज कल का युवा सोशल मीडिया पर अपने अपना बहुत सारा टाइम खराब कर देता है।सारे सोशल मीडिया apps चाहे वो फेसबुक हो या इंस्टाग्राम या व्हाट्सप्प युवाओं को अपने फ़ोन में फ्री में मिल जाते हैं जबकि जिस भी कंपनी ने इनको बनाया है वो इन apps में जो डाटा होता है उसको स्टोर करने के लिए जो डाटा सेंटरस बनाये जाते हैं उनको चलाने और मेन्टेन करने में करोड़ों रुपए का खर्चा आता है तो फिर जरा सोचिये कि करोड़ों का खर्चा करने के बाद भी ये कम्पनियाँ आपको ये apps फ्री में क्यों उपलब्ध करवा रही हैं।

इनको फ्री में आपको उपलब्ध कराने का मतलब ही यही है कि आपको इनकी लत या आदत लगाई जा सके और जिससे कि आप अपना ज्यादा से ज्यादा समय इन सोशल मीडिया apps को दें।

इंसान के लिए आज सबसे ज्यादा अगर कोई कीमती चीज़ है तो समय ही है जिसे आप दोबारा वापस नही पा सकते।

बाकि सब कुछ आप अपनी जिंदगी में दोबारा वापस पा सकते हैं रुपया-पैसा, दोस्त-यार सब कुछ इसलिए आज के इस युग में हमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच समझ कर अपनी बातों या मुद्दों को पब्लिक के सामने रखने के लिए करना चाहिए ना कि इधर उधर कि बकवास चीज़ें देखने में।

इसलिये अगली बार ध्यान रहे कि हम सोशल मीडिया का उपयोग करें ना कि सोशल मीडिया हमारा।

 

 

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