आत्मसम्मान vs अभिमान (Ego vs Self Respect)

दोस्तों Ego और self Respect के बीच एक बहुत ही thin लाइन होती है कब हमारा ego- self respect बन जाता है और कब हमारा self Respect-Ego हमें खुद भी नही पता चलता । कोई भी व्यक्ति जितना बड़ा अभिमानी होगा उतनी ही उसके अंदर अपमान की भावना होगी।

मैं की भावना ही ego को जन्म देती है, उसके पीछे-पीछे क्रोध और अशांति आती है।ऐसा बिलकुल भी जरुरी नहीं है कि आपके आसपास जो लोग हैं वो सब आपको Respect करें, चाहे वह आपके Relation में हों, Friends हों Professional Relation मे हों। हर किसी को आपके विचार और व्यवहार पसंद आये ऐसा possible नही है। कुछ लोग आपको पसंद करेंगे और कुछ नही चाहे आप जितने बड़े पद पर हों या गरीब इन्सान हों।

So Finally Ego हमें जब रखना है जब हमारा बहुत ज्यादा अपमान हुआ हो बस ।

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