वर्तमान मे जीवन कैसे जियें। (How to Live in Present)
हमारा वर्तमान ही हमारा सबकुछ है। जो भूतकाल में घटित हो चुका है उसे हम किसी भी कीमत पर बदल नही सकते और जो अभी हुआ ही नही है उसकी चिंता करना ही व्यर्थ है। एक बेहतर और सुखी जीवन जीने के लिए हमें सभी चिंताओं से मुक्त होकर वर्तमान में जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिए।
- अकसर हम अपने अतीत की स्मृतियों में खोये हुए रहते हैं। पिछली घटनाओं को बार-बार याद करके हमारा मन दुखी होता रहता है जिससे की हमारा आज यानि वर्तमान प्रभावित होता है। अगर आप सारा दिन भूतकाल के बारे में ही सोचते रहेंगे तो बिना कुछ किए ही हमारा वर्तमान व्यर्थ चला जाएगा।बहुत बार लोग मानसिक रुप से हतोत्साहित हो जाते हैं और कहते हैं कि मुझे किसी काम में मजा नही आ रहा और किसी भी काम को करने की हमारी दिलचस्पी कम हो जाती है। दरअसल किसी भी चीज़ में मजा लेने के लिए हमें हमारे मन में भरे बाकि सभी विचारों को अनदेखा करना पड़ता है घटनाएं अच्छी हों या बुरी ये आपके मन को उलझाए हुए रखती हैं और इसे बोझिल बना देती हैं। इन घटनाओं ने आपके मन में मन में इतना घर कर लिया होता है कि मानो आपने मन का वह भाग किसी को किराये पर दे रखा हो अतीत आपके मन में घर बनाये हुए रहता है परन्तु इसके बदले में आपको कुछ मिलता नहीं है। इस सौदे में बस आपका नुकसान ही नुकसान है और इसके सिवा कुछ नहीं।
आपने किसी कुत्ते या बिल्ली आदि को पानी या मिट्टी पर लौटते हुए जरूर देखा होगा। क्या आपने कभी गौर किया है कि जब वे उठते हैं तब वे तुरंत अपने शरीर को हिला-डुला कर सब नींचे फेक देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं बिलकुल इसी प्रकार यदि आप भी आप अपने मन में एकत्रित गन्दगी को समय-समय निकाल कर बाहर फेंकते होगा अन्यथा अतीत की घटनाएं आपके वर्तमान पर हावी हो जाएंगी और आपको यकीन दिला कि आपका समय अब आपका नहीं रहा। इसलिए अपने अतीत को अपने मन पर हावी ना होने दें।