थ्योरी ऑफ काईजन (Theory of Kaizen) के अनुसार अगर आप समय को उसके सबसे छोटे रूप यानि कि सेकेंड्स मे तोड़ दें तो अगले आने वाले एक सेकेंड मे आपके साथ क्या होगा ये आपके पिछले सेकेंड में लिए गए एक्शन या डिसीजन का परिणाम होता है। ठीक इसी तरह पूरी जिंदगी मे आप क्या करेंगे या क्या बनेगें ये आप नही तय करते बल्कि आपकी जिंदगी मे हर सेकेंड लिए गए एक्शन और डिसीजन तय करते हैं। इसीलिए आपकी लाइफ मे कोई ना कोई गोल अथवा लक्ष्य अवश्य होना चाहिए क्योंकि फिर आपके एक्शन और डिसीजन भी उसी गोल या लक्ष्य के अनूरूप होंगे और आप कभी ना कभी से अपने लक्ष्य तक जरूर पहुँचेंगे। बस शर्त ये है कि आप प्रयास करना बंद ना करें।