एक इंसान का सम्पूर्ण जीवन सिर्फ प्रेम पर टिका होता है। इंसान बचपन से अपने माँ बाप में,अपने भाई-बहनों में,अपनी पत्नी में,अपने सगे सम्बंधियों में और अपने दोस्तों में सिर्फ एक ही चीज खोजता है और है वो प्रेम। जिन्हे प्रेम मिलता है उन्हें और कुछ पाने को शेष नहीं रह जाता और जिन्हे नहीं मिलता वो लोग सारा जीवन भटकते हैं। मंदिरों में खोजते हैँ,मस्जिदों में खोजते हैं, मक्का में खोजते हैं,मदीना में खोजते हैँ,काशी, मथुरा वृन्दावन और यहाँ तक कि कुछ लोग दारू की बोतल में भी खोजते हैं मगर हाथ फिर खाली ही लौटते हैं
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