• हमारे देश मे होने वाले एक आम चुनाव मे अगर एक तरफ से कोई ईमानदार, मेहनती आम आदमी पहली बार अपना सब कुछ दाँव पर लगाकर चुनाव लड़ता है और दूसरी तरफ एक चार-पाँच बार का मंत्री,विधायक या निगम पार्षद चुनाव लड़ रहा हो तो 90% चाँस है कि अपना सब कुछ दाँव पर लगाकर लड़ने वाला वो आम आदमी चुनाव हार जाएगा? लेकिन आखिर ऐसा क्यों ? क्योंकि उसका कोई ब्रांड नही है। मतलब धनवान और ज्यादा धनवान बन जाता है और आम आदमी फ़कीर।