कोई कहता है कि जीवन ईश्वर का दिया हुआ एक उपहार है कोई कहता है कि जीवन एक खेल है, कोई कहता है जीवन एक युद्ध है और कोई कहता है कि जीवन एक यात्रा है।

मैं आज यहाँ पर “जीवन” के बारें में अपने विचार शेयर कर रहा हूँ और और आपको ये समझाने की कोशिश करूँगा की वास्तव में जीवन क्या है?

 

जीवन नदी की बहती हुई धारा की तरह होता है और हम यानि इंसान नाव में बैठे एक नाविक।

 

यदि हम इस धारा के विपरीत जाकर कुछ भी करने की कोशिश करेंगे तो हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है लेकिन अगर हम समझदारी से इसके साथ-साथ बहते रहे तो हमारी जिंदगी बहुत ही आसान हो जाएगी।

आइये इस बात को एक उदाहरण से समझते हैं जब आप 10वीं कक्षा में थे तो हो सकता है आपने सोचा हो कि मैं 11वीं कक्षा में जाकर साइंस लूंगा और आगे जाकर डॉक्टर या इंजीनियर बनूँगा

अब एक सेकंड के लिए रुकिए यहाँ दो बातें हो सकती हैं।

पहली या तो आप 10वीं में अच्छे नम्बरों से पास हो जाते हैं आगे आपको साइंस मिल जाती है फिर आप अच्छे से पढ़ाई करके डॉक्टर या इंजीनियर बन जाते हैं दूसरी किसी कारण से आपके नंबर कम आते हैं और आपको आगे साइंस नही मिलती।

तब आप क्या करेंगे? क्या आप अब भी यही कहेंगे कि नहीं मैं तो इंजीनियर या डॉक्टर ही बनूँगा चाहे कुछ भी हो जाए।

नहीं यहाँ पर जीवन में आपको कुछ अलग करने का मौका मिला है और इस परिस्थिति में आपको कुछ अलग तरीके से सोचना होगा।

एक समझदार इन्सान सोचेगा कि साइंस नहीं मिली तो क्या हुआ मैं आर्ट लेकर भी अपने जीवन में आगे जाकर एक आईएएस ऑफिसर या वकील बन सकता हूँ और अपना सपना साकार कर सकता हूँ।

जबकि एक नासमझ इंसान अपना सपना पूरा करने के लिए अपने माँ बाप का रुपया पैसा घर-बार सब कुछ गिरवी रखवा देगा और इसके बाद भी उसका सपना पूरा हो या ना हो इस बात की कोई गारंटी नहीं है।

एक व्यक्ति का किसी भी चीज को पाने के लिए जिद्दी होना स्वाभाविक है लेकिन कई बार जीवन में लाख कोशिश करने के बाद भी आपको सफलता नही मिलती और आप थक हार कर बैठ जाते हैं। ऐसा क्यों होता है क्योंकि आपने जिद्द पकड़ रखी है कि मैं अपने जीवन में बस यही करूँगा।

ऐसे में आपको सिर्फ अपनी सोच में थोड़ा सा बदलाव लाना है और एक नई शुरुआत करनी है आप देखेंगे कि सिर्फ आप के मात्र सोचने भर से सफलता के नए द्वार खुलने लगे हैं।